Ecclesiastes 6:11 in Hindi

Hindi Hindi Bible Ecclesiastes Ecclesiastes 6 Ecclesiastes 6:11

Ecclesiastes 6:11
बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनके कारण जीवन और भी व्यर्थ होता है तो फिर मनुष्य को क्या लाभ?

Ecclesiastes 6:10Ecclesiastes 6Ecclesiastes 6:12

Ecclesiastes 6:11 in Other Translations

King James Version (KJV)
Seeing there be many things that increase vanity, what is man the better?

American Standard Version (ASV)
Seeing there are many things that increase vanity, what is man the better?

Bible in Basic English (BBE)
There are words without number for increasing what is to no purpose, but what is man profited by them?

Darby English Bible (DBY)
For there are many things that increase vanity: what is man advantaged?

World English Bible (WEB)
For there are many words that create vanity. What does that profit man?

Young's Literal Translation (YLT)
For there are many things multiplying vanity; what advantage `is' to man?

Seeing
כִּ֛יkee
there
be
יֵשׁyēšyaysh
many
דְּבָרִ֥יםdĕbārîmdeh-va-REEM
things
הַרְבֵּ֖הharbēhahr-BAY
increase
that
מַרְבִּ֣יםmarbîmmahr-BEEM
vanity,
הָ֑בֶלhābelHA-vel
what
מַהmama
is
man
יֹּתֵ֖רyōtēryoh-TARE
the
better?
לָאָדָֽם׃lāʾādāmla-ah-DAHM

Cross Reference

Psalm 73:6
इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उपद्रव है।

Ecclesiastes 5:7
क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर को भय मानना॥

Ecclesiastes 4:16
वे सब लोग अनगिनित थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। तौभी भविष्य में होने वाले लोग उसके कारण आनन्दित न होंगे। नि:सन्देह यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है॥

Ecclesiastes 4:8
कोई अकेला रहता और उसका कोई नहीं है; न उसके बेटा है, न भाई है, तौभी उसके परिश्रम का अन्त नहीं होता; न उसकी आंखें धन से सन्तुष्ट होती हैं, और न वह कहता है, मैं किस के लिये परिश्रम करता और अपने जीवन को सुखरहित रखता हूं? यह भी व्यर्थ और निरा दु:खभरा काम है।

Ecclesiastes 4:1
तब मैं ने वह सब अन्धेर देखा जो संसार में होता है। और क्या देखा, कि अन्धेर सहने वालों के आंसू बह रहे हैं, और उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं! अन्धेर करने वालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं था।

Ecclesiastes 3:19
क्योंकि जैसी मनुष्यों की वैसी ही पशुओं की भी दशा होती है; दोनों की वही दशा होती है, जैसे एक मरता वैसे ही दूसरा भी मरता है। सभों की स्वांस एक सी है, और मनुष्य पशु से कुछ बढ़कर नहीं; सब कुछ व्यर्थ ही है।

Ecclesiastes 2:3
मैं ने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से क्योंकर बहलाऊं और क्योंकर मूर्खता को थामे रहूं, जब तक मालूम न करूं कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य जीवन भर करता रहे।

Ecclesiastes 1:17
और मैं ने अपना मन लगाया कि बुद्धि का भेद लूं और बावलेपन और मूर्खता को भी जान लूं। मुझे जान पड़ा कि यह भी वायु को पकड़ना है॥

Ecclesiastes 1:6
वायु दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है।

Hosea 12:1
एप्रैम पानी पीटता और पुरवाई का पीछा करता रहता है; वह लगातार झूठ और उत्पात को बढ़ाता रहता है; वे अश्शूर के साथ वाचा बान्धते और मिस्र में तेल भेजते हैं।