Acts 19:9 in Hindi

Hindi Hindi Bible Acts Acts 19 Acts 19:9

Acts 19:9
परन्तु जब कितनों ने कठोर होकर उस की नहीं मानी वरन लोगों के साम्हने इस मार्ग को बुरा कहने लगे, तो उस ने उन को छोड़ कर चेलों को अलग कर लिया, और प्रति दिन तुरन्नुस की पाठशाला में विवाद किया करता था।

Acts 19:8Acts 19Acts 19:10

Acts 19:9 in Other Translations

King James Version (KJV)
But when divers were hardened, and believed not, but spake evil of that way before the multitude, he departed from them, and separated the disciples, disputing daily in the school of one Tyrannus.

American Standard Version (ASV)
But when some were hardened and disobedient, speaking evil of the Way before the multitude, he departed from them, and separated the disciples, reasoning daily in the school of Tyrannus.

Bible in Basic English (BBE)
But because some of the people were hard-hearted and would not give hearing, saying evil words about the Way before the people, he went away from them, and kept the disciples separate, reasoning every day in the school of Tyrannus.

Darby English Bible (DBY)
But when some were hardened and disbelieved, speaking evil of the way before the multitude, he left them and separated the disciples, reasoning daily in the school of Tyrannus.

World English Bible (WEB)
But when some were hardened and disobedient, speaking evil of the Way before the multitude, he departed from them, and separated the disciples, reasoning daily in the school of Tyrannus.

Young's Literal Translation (YLT)
and when certain were hardened and were disbelieving, speaking evil of the way before the multitude, having departed from them, he did separate the disciples, every day reasoning in the school of a certain Tyrannus.

But
ὡςhōsose
when
δέdethay
divers
τινεςtinestee-nase
were
hardened,
ἐσκληρύνοντοesklērynontoay-sklay-RYOO-none-toh
and
καὶkaikay
believed
not,
ἠπείθουνēpeithounay-PEE-thoon
evil
spake
but
κακολογοῦντεςkakologounteska-koh-loh-GOON-tase
of

that
τὴνtēntane
way
ὁδὸνhodonoh-THONE
before
ἐνώπιονenōpionane-OH-pee-one
the
τοῦtoutoo
multitude,
πλήθουςplēthousPLAY-thoos
he
departed
ἀποστὰςapostasah-poh-STAHS
from
ἀπ'apap
them,
αὐτῶνautōnaf-TONE
and
separated
ἀφώρισενaphōrisenah-FOH-ree-sane
the
τοὺςtoustoos
disciples,
μαθητάςmathētasma-thay-TAHS
disputing
καθ'kathkahth
daily
ἡμέρανhēmeranay-MAY-rahn

διαλεγόμενοςdialegomenosthee-ah-lay-GOH-may-nose
in
ἐνenane
the
τῇtay
school
σχολῇscholēskoh-LAY
of
one
Τυράννουtyrannoutyoo-RAHN-noo
Tyrannus.
τινόςtinostee-NOSE

Cross Reference

Acts 19:23
उस समय उस पन्थ के विषय में बड़ा हुल्लड़ हुआ।

Acts 9:2
और उस से दमिश्क की अराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियां मांगी, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बान्ध कर यरूशलेम में ले आए।

Acts 14:4
परन्तु नगर के लोगों में फूट पड़ गई थी; इस से कितने तो यहूदियों की ओर, और कितने प्रेरितों की ओर हो गए।

Acts 13:45
परन्तु यहूदी भीड़ को देख कर डाह से भर गए, और निन्दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे।

Romans 11:7
सो परिणाम क्या हुआ यह? कि इस्त्राएली जिस की खोज में हैं, वह उन को नहीं मिला; परन्तु चुने हुओं को मिला और शेष लोग कठोर किए गए हैं।

Romans 9:18
सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।

Acts 28:22
परन्तु तेरा विचार क्या है वही हम तुझ से सुनना चाहते हैं, क्योंकि हम जानते हैं, कि हर जगह इस मत के विरोध में लोग बातें कहते हैं॥

Acts 24:21
इस एक बात को छोड़ जो मैं ने उन के बीच में खड़े होकर पुकार कर कहा था, कि मरे हुओं के जी उठने के विषय में आज मेरा तुम्हारे साम्हने मुकद्दमा हो रहा है॥

Acts 22:4
और मैं ने पुरूष और स्त्री दोनों को बान्ध बान्धकर, और बन्दीगृह में डाल डालकर, इस पंथ को यहां तक सताया, कि उन्हें मरवा भी डाला।

Acts 20:31
इसलिये जागते रहो; और स्मरण करो; कि मैं ने तीन वर्ष तक रात दिन आंसू बहा बहा कर, हर एक को चितौनी देना न छोड़ा।

1 Timothy 6:5
और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिन की बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है।

2 Timothy 1:15
तू जानता है, कि आसिया वाले सब मुझ से फिर गए हैं, जिन में फूगिलुस और हिरमुगिनेस हैं।

2 Timothy 3:5
वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे; ऐसों से परे रहना।

2 Timothy 4:2
कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।

Hebrews 3:13
वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।

2 Peter 2:2
और बहुतेरे उन की नाईं लुचपन करेंगे, जिन के कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी।

2 Peter 2:12
पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उन के विषय में औरों को बुरा भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएंगे।

Jude 1:10
पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते, उन को बुरा भला कहते हैं; पर जिन बातों को अचेतन पशुओं की नाईं स्वभाव ही से जानते हैं, उन में अपने आप को नाश करते हैं।

Acts 19:30
जब पौलुस ने लोगों के पास भीतर जाना चाहा तो चेलों ने उसे जाने न दिया।

Acts 18:6
परन्तु जब वे विरोध और निन्दा करने लगे, तो उस ने अपने कपड़े झाड़कर उन से कहा; तुम्हारा लोहू तुम्हारी गर्दन पर रहे: मैं निर्दोष हूं: अब से मैं अन्यजातियों के पास जाऊंगा।

2 Chronicles 30:8
अब अपने पुरखाओं की नाईं हठ न करो, वरन यहोवा के आधीन हो कर उसके उस पवित्र स्थान में आओ जिसे उसने सदा के लिये पवित्र किया है, और अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करो, कि उसका भड़का हुआ क्रोध तुम पर से दूर हो जाए।

2 Chronicles 36:16
परन्तु वे परमेश्वर के दूतों को ठट्ठों में उड़ाते, उस के वचनों को तुच्छ जानते, और उसके नबियों की हंसी करते थे। निदान यहोवा अपनी प्रजा पर ऐसा झुंझला उठा, कि बचने का कोई उपाय न रहा।

Nehemiah 9:16
परन्तु उन्होंने और हमारे पुरखाओं ने अभिमान किया, और हठीले बने और तेरी आज्ञाएं न मानी;

Nehemiah 9:29
और उन को चिताता था कि उन को फिर अपनी व्यवस्था के आधीन कर दे। परन्तु वे अभिमान करते रहे और तेरी आज्ञाएं नहीं मानते थे, और तेरे नियम, जिन को यदि मनुष्य माने, तो उनके कारण जीवित रहे, उनके विरुद्ध पाप करते, और हठ कर के अपना कन्धा हटाते और न सुनते थे।

Psalm 95:8
अपना अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में, वा मस्सा के दिन जंगल में हुआ था,

Proverbs 8:34
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता, वरन मेरी डेवढ़ी पर प्रति दिन खड़ा रहता, और मेरे द्वारों के खंभों के पास दृष्टि लगाए रहता है।

Isaiah 8:14
और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनों घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा।

Jeremiah 7:26
परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयां की हैं।

Jeremiah 19:15
इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे, देखो, सब गांवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्ति डालना चाहता हूँ जो मैं ने इस पर लाने को कहा है, क्योंकि उन्होंने हठ कर के मेरे वचन को नहीं माना है।

Matthew 15:14
उन को जाने दो; वे अन्धे मार्ग दिखाने वाले हैं: और अन्धा यदि अन्धे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड़हे में गिर पड़ेंगे।

Matthew 16:4
इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढ़ते हैं पर यूनुस के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा, और वह उन्हें छोड़कर चला गया॥

Matthew 26:55
उसी घड़ी यीशु ने भीड़ से कहा; क्या तुम तलवारें और लाठियां लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा।

Luke 12:51
क्या तुम समझते हो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूं? मैं तुम से कहता हूं; नहीं, वरन अलग कराने आया हूं।

John 12:40
कि उस ने उन की आंखें अन्धी, और उन का मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आंखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूं।

Acts 7:51
जैसा तुम्हारे बाप दादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।

Acts 11:26
और जब उन से मिला तो उसे अन्ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए॥

Acts 17:4
उन में से कितनों ने, और भक्त यूनानियों में से बहुतेरों ने और बहुत सी कुलीन स्त्रियों ने मान लिया, और पौलुस और सीलास के साथ मिल गए।

2 Kings 17:14
परन्तु उन्होंने न माना, वरन अपने उन पुरखाओं की नाईं, जिन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वास न किया था, वे भी हठीले बन गए।