Acts 17:25
न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।
Acts 17:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
Neither is worshipped with men's hands, as though he needed any thing, seeing he giveth to all life, and breath, and all things;
American Standard Version (ASV)
neither is he served by men's hands, as though he needed anything, seeing he himself giveth to all life, and breath, and all things;
Bible in Basic English (BBE)
And he is not dependent on the work of men's hands, as if he had need of anything, for he himself gives to all life and breath and all things;
Darby English Bible (DBY)
nor is served by men's hands as needing something, himself giving to all life and breath and all things;
World English Bible (WEB)
neither is he served by men's hands, as though he needed anything, seeing he himself gives to all life and breath, and all things.
Young's Literal Translation (YLT)
neither by the hands of men is He served -- needing anything, He giving to all life, and breath, and all things;
| Neither | οὐδὲ | oude | oo-THAY |
| is worshipped | ὑπὸ | hypo | yoo-POH |
| with | χειρῶν | cheirōn | hee-RONE |
| men's | ἀνθρώπων | anthrōpōn | an-THROH-pone |
| hands, | θεραπεύεται | therapeuetai | thay-ra-PAVE-ay-tay |
| needed he though as | προσδεόμενός | prosdeomenos | prose-thay-OH-may-NOSE |
| any thing, | τινος | tinos | tee-nose |
| he seeing | αὐτὸς | autos | af-TOSE |
| giveth | διδοὺς | didous | thee-THOOS |
| to all | πάσιν | pasin | PA-seen |
| life, | ζωὴν | zōēn | zoh-ANE |
| and | καὶ | kai | kay |
| breath, | πνοὴν | pnoēn | pnoh-ANE |
| and | κατὰ | kata | ka-TA |
| all things; | πάντα· | panta | PAHN-ta |
Cross Reference
Job 22:2
क्या पुरुष से ईश्वर को लाभ पहुंच सकता है? जो बुद्धिमान है, वह अपने ही लाभ का कारण होता है।
Job 27:3
क्योंकि अब तक मेरी सांस बराबर आती है, और ईश्वर का आत्मा मेरे नथुनों में बना है।
Job 33:4
मुझे ईश्वर की आत्मा ने बनाया है, और सर्वशक्तिमान की सांस से मुझे जीवन मिलता है।
Job 35:6
यदि तू ने पाप किया है तो ईश्वर का क्या बिगड़ता है? यदि तेरे अपराध बहुत ही बढ़ जाएं तौभी तू उसके साथ क्या करता है?
Psalm 50:8
मैं तुझ पर तेरे मेल बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।
Isaiah 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:
Zechariah 12:1
इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का तानने वाला, पृथ्वी की नेव डालने वाला और मनुष्य की आत्मा का रचने वाला है, उसकी यह वाणी है,
Acts 17:28
क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं।
Romans 11:35
या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
1 Timothy 6:17
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
Genesis 2:7
और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
Matthew 9:13
सो तुम जाकर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धमिर्यों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं॥
Matthew 5:45
जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धमिर्यों और अधमिर्यों दोनों पर मेंह बरसाता है।
Numbers 16:22
तब वे मुंह के बल गिरके कहने लगे, हे ईश्वर, हे सब प्राणियों के आत्माओं के परमेश्वर, क्या एक पुरूष के पाप के कारण तेरा क्रोध सारी मण्डली पर होगा?
Numbers 27:16
यहोवा, जो सारे प्राणियों की आत्माओं का परमेश्वर है, वह इस मण्डली के लोगों के ऊपर किसी पुरूष को नियुक्त कर दे,
Job 12:10
उसके हाथ में एक एक जीवधारी का प्राण, और एक एक देहधारी मनुष्य की आत्मा भी रहती है।
Job 34:14
यदि वह मनुष्य से अपना मन हटाये और अपना आत्मा और श्वास अपने ही में समेट ले,
Psalm 16:2
मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं।
Psalm 104:27
इन सब को तेरा ही आसरा है, कि तू उनका आहार समय पर दिया करे।
Isaiah 57:16
मैं सदा मुकद्दमा न लड़ता रहूंगा, न सर्वदा क्रोधित रहूंगा; क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे साम्हने मूच्छिर्त हो जाते हैं।
Jeremiah 7:20
सो प्रभु यहोवा ने यों कहा है, क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या मैदान के वृक्ष, क्या भूमि की उपज, उन सब पर जो इस स्थान में हैं, मेरे कोप की आग भड़कने पर है; वह नित्य जलती रहेगी और कभी न बुझेगी।
Amos 5:21
मैं तुम्हारे पर्वों से बैर रखता, और उन्हें निकम्मा जानता हूं, और तुम्हारी महासभाओं से मैं प्रसन्न नहीं।
Acts 14:17
तौभी उस ने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर, तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।