Jeremiah 23:20
जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भांति समझ सकोगे।
Jeremiah 23:20 in Other Translations
King James Version (KJV)
The anger of the LORD shall not return, until he have executed, and till he have performed the thoughts of his heart: in the latter days ye shall consider it perfectly.
American Standard Version (ASV)
The anger of Jehovah shall not return, until he have executed, and till he have performed the intents of his heart: in the latter days ye shall understand it perfectly.
Bible in Basic English (BBE)
The wrath of the Lord will not be turned back till he has done, till he has put into effect, the purposes of his heart: in days to come you will have full knowledge of this.
Darby English Bible (DBY)
The anger of Jehovah shall not return, until he have executed, and until he have performed the purposes of his heart: at the end of the days ye shall understand it clearly.
World English Bible (WEB)
The anger of Yahweh shall not return, until he has executed, and until he have performed the intents of his heart: in the latter days you shall understand it perfectly.
Young's Literal Translation (YLT)
The anger of Jehovah doth not turn back Till His doing, and till His establishing, The thoughts of His heart, In the latter end of the days ye attend to it With understanding.
| The anger | לֹ֤א | lōʾ | loh |
| of the Lord | יָשׁוּב֙ | yāšûb | ya-SHOOV |
| shall not | אַף | ʾap | af |
| return, | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| until | עַד | ʿad | ad |
| he have executed, | עֲשֹׂת֥וֹ | ʿăśōtô | uh-soh-TOH |
| and till | וְעַד | wĕʿad | veh-AD |
| performed have he | הֲקִימ֖וֹ | hăqîmô | huh-kee-MOH |
| the thoughts | מְזִמּ֣וֹת | mĕzimmôt | meh-ZEE-mote |
| of his heart: | לִבּ֑וֹ | libbô | LEE-boh |
| latter the in | בְּאַֽחֲרִית֙ | bĕʾaḥărît | beh-ah-huh-REET |
| days | הַיָּמִ֔ים | hayyāmîm | ha-ya-MEEM |
| ye shall consider | תִּתְבּ֥וֹנְנוּ | titbônĕnû | teet-BOH-neh-noo |
| it perfectly. | בָ֖הּ | bāh | va |
| בִּינָֽה׃ | bînâ | bee-NA |
Cross Reference
Jeremiah 30:24
जब तक यहोवा अपना काम न कर चुके और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका भड़का हुआ क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को समझ सकोगे।
Zechariah 1:6
परन्तु मेरे वचन और मेरी आज्ञाएं जिन को मैं ने अपने दास नबियों को दिया था, क्या वे तुम्हारे पुरखाओं पर पूरी न हुई? तब उन्होंने मन फिराया और कहा, सेनाओं के यहोवा ने हमारे चालचलन और कामों के अनुसार हम से जैसा व्यवहार करने को कहा था, वैसा ही उसने हम को बदला दिया है॥
Genesis 49:1
फिर याकूब ने अपने पुत्रों को यह कहकर बुलाया, कि इकट्ठे हो जाओ, मैं तुम को बताऊंगा, कि अन्त के दिनों में तुम पर क्या क्या बीतेगा।
Zechariah 8:14
क्योंकि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, जिस प्रकार जब तुम्हारे पुरखा मुझे रिस दिलाते थे, तब मैं ने उनकी हानि करने के लिये ठान लिया था और फिर न पछताया,
Hosea 3:4
क्योंकि इस्राएली बहुत दिन तक बिना राजा, बिना हाकिम, बिना यज्ञ, बिना लाठ, और बिना एपोद वा गृहदेवताओं के बैठे रहेंगे।
Isaiah 55:11
उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा॥
Isaiah 14:24
सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, नि:सन्देह जैसा मैं ने ठाना है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी,
Proverbs 21:30
यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।
Proverbs 5:11
और तू अपने अन्तिम समय में जब कि तेरा शरीर क्षीण हो जाए तब यह कह कर हाय मारने लगे, कि
2 Kings 23:26
तौभी यहोवा का भड़का हुआ बड़ा कोप शान्त न हुआ, जो इस कारण से यहूदा पर भड़का था, कि मनश्शे ने यहोवा को क्रोध पर क्रोध दिलाया था।
1 Kings 8:47
तो यदि वे बन्धुआई के देश में सोच विचार करें, और फिर कर अपने बन्धुआ करने वालों के देश में तुझ से गिड़गिड़ाकर कहें कि हम ने पाप किया, और कुटिलता ओर दुष्टता की है;
Deuteronomy 31:29
क्योंकि मुझे मालूम है कि मेरी मृत्यु के बाद तुम बिलकुल बिगड़ जाओगे, और जिस मार्ग में चलने की आज्ञा मैं ने तुम को सुनाई है उसको भी तुम छोड़ दोगे; और अन्त के दिनों में जब तुम वह काम करके जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अपनी बनाई हुई वस्तुओं की पूजा करके उसको रिस दिलाओगे, तब तुम पर विपत्ति आ पड़ेगी॥