Ezekiel 12:19
और इस देश के लोगों से यों कहना, कि प्रभु यहोवा यरूशलेम और इस्राएल के देश के निवासियों के विषय में यों कहता है, वे अपनी रोटी चिन्ता के साथ खाएंगे, और अपना पानी विस्मय के साथ पीएंगे; क्योंकि देश अपने सब रहने वालों के उपद्रव के कारण अपनी सारी भरपूरी से रहित हो जाएगा।
Ezekiel 12:19 in Other Translations
King James Version (KJV)
And say unto the people of the land, Thus saith the Lord GOD of the inhabitants of Jerusalem, and of the land of Israel; They shall eat their bread with carefulness, and drink their water with astonishment, that her land may be desolate from all that is therein, because of the violence of all them that dwell therein.
American Standard Version (ASV)
and say unto the people of the land, Thus saith the Lord Jehovah concerning the inhabitants of Jerusalem, and the land of Israel: They shall eat their bread with fearfulness, and drink their water in dismay, that her land may be desolate, `and despoiled' of all that is therein, because of the violence of all them that dwell therein.
Bible in Basic English (BBE)
And say to the people of the land, This is what the Lord has said about the people of Jerusalem and the land of Israel: They will take their food with care and their drink with wonder, so that all the wealth of their land may be taken from it because of the violent ways of the people living in it.
Darby English Bible (DBY)
and say unto the people of the land, Thus saith the Lord Jehovah concerning the inhabitants of Jerusalem, in the land of Israel: They shall eat their bread with anxiety, and drink their water with astonishment, because her land shall be left desolate of all that is in it, for the violence of all them that dwell therein.
World English Bible (WEB)
and tell the people of the land, Thus says the Lord Yahweh concerning the inhabitants of Jerusalem, and the land of Israel: They shall eat their bread with fearfulness, and drink their water in dismay, that her land may be desolate, [and despoiled] of all that is therein, because of the violence of all those who dwell therein.
Young's Literal Translation (YLT)
and thou hast said unto the people of the land, Thus said the Lord Jehovah concerning the inhabitants of Jerusalem, concerning the land of Israel: Their bread with fear they do eat, and their water with astonishment drink, because its land is desolate, because of its fulness, because of the violence of all who are dwelling in it.
| And say | וְאָמַרְתָּ֣ | wĕʾāmartā | veh-ah-mahr-TA |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| the people | עַ֣ם | ʿam | am |
| land, the of | הָאָ֡רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| Thus | כֹּֽה | kō | koh |
| saith | אָמַר֩ | ʾāmar | ah-MAHR |
| the Lord | אֲדֹנָ֨י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
| God | יְהוִ֜ה | yĕhwi | yeh-VEE |
| inhabitants the of | לְיוֹשְׁבֵ֤י | lĕyôšĕbê | leh-yoh-sheh-VAY |
| of Jerusalem, | יְרוּשָׁלִַ֙ם֙ | yĕrûšālaim | yeh-roo-sha-la-EEM |
| and of | אֶל | ʾel | el |
| the land | אַדְמַ֣ת | ʾadmat | ad-MAHT |
| Israel; of | יִשְׂרָאֵ֔ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| They shall eat | לַחְמָם֙ | laḥmām | lahk-MAHM |
| their bread | בִּדְאָגָ֣ה | bidʾāgâ | beed-ah-ɡA |
| carefulness, with | יֹאכֵ֔לוּ | yōʾkēlû | yoh-HAY-loo |
| and drink | וּמֵֽימֵיהֶ֖ם | ûmêmêhem | oo-may-may-HEM |
| their water | בְּשִׁמָּמ֣וֹן | bĕšimmāmôn | beh-shee-ma-MONE |
| with astonishment, | יִשְׁתּ֑וּ | yištû | yeesh-TOO |
| that | לְמַ֜עַן | lĕmaʿan | leh-MA-an |
| her land | תֵּשַׁ֤ם | tēšam | tay-SHAHM |
| may be desolate | אַרְצָהּ֙ | ʾarṣāh | ar-TSA |
| therein, is that all from | מִמְּלֹאָ֔הּ | mimmĕlōʾāh | mee-meh-loh-AH |
| because of the violence | מֵחֲמַ֖ס | mēḥămas | may-huh-MAHS |
| all of | כָּֽל | kāl | kahl |
| them that dwell | הַיֹּשְׁבִ֥ים | hayyōšĕbîm | ha-yoh-sheh-VEEM |
| therein. | בָּֽהּ׃ | bāh | ba |
Cross Reference
Zechariah 7:14
वरन मैं उन्हें उन सब जातियों के बीच जिन्हें वे नहीं जानते, आंधी के द्वारा तितर-बितर कर दूंगा, और उनका देश उनके पीछे ऐसा उजाड़ पड़ा रहेगा कि उस में किसी का आना जाना न होगा; इसी प्रकार से उन्होंने मनोहर देश को उजाड़ कर दिया॥
Micah 7:13
तौभी यह देश अपने रहने वालों के कामों के कारण उजाड़ ही रहेगा॥
Ezekiel 6:14
मैं अपना हाथ उनके विरुद्ध बढ़ाकर उस देश को सारे घरों समेत जंगल से ले दिबला की ओर तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
Ezekiel 6:6
तुम्हारे जितने बसाए हुए नगर हैं, वे सब ऐसे उजड़ जाएंगे, कि तुम्हारे पूजा के ऊंचे स्थान भी उजाड़ हो जाएंगे, तुम्हारी वेदियां उजड़ेंगी और ढाई जाएंगी, तुम्हारी मूरतें जाती रहेंगी और तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं काटी जाएंगी; और तुम्हारी सारी कारीगरी मिटाई जाएगी।
Jeremiah 10:22
सुन, एक शब्द सुनाई देता है! देख, वह आ रहा है! उत्तर दिशा से बड़ा हुल्लड़ मच रहा है ताकि यहूदा के नगरों को उजाड़ कर गीदड़ों का स्थान बना दे।
Ezekiel 7:23
एक सांकल बना दे, क्योंकि देश अन्याय की हत्या से, और नगर उपद्रव से भरा हुआ है।
1 Corinthians 10:28
परन्तु यदि कोई तुम से कहे, यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है, तो उसी बताने वाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ।
1 Corinthians 10:26
क्योंकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।
Micah 3:10
तुम सिय्योन को हत्या कर के और यरूशलेम को कुटिलता कर के दृढ़ करते हो।
Ezekiel 36:3
इस कारण भविष्यद्वाणी कर के कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, लोगों ने जो तुम्हें उजाड़ा और चारों ओर से तुम्हें ऐसा निगल लिया कि तुम बची हुई जातियों का अधिकार हो जाओ, और लुतरे तुम्हारी चर्चा करते और साधारण लोग तुम्हारी निन्दा करते हैं;
Ezekiel 4:16
फिर उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, देख, मैं यरूशलेम में अन्नरूपी आधार को दूर करूंगा; सो वहां के लोग तौल तोलकर और चिन्ता कर कर के रोटी खाया करेंगे; और माप मापकर और विस्मित हो हो कर पानी पिया करेंगे।
Jeremiah 33:12
सेनाओं का यहोवा कहता है: सब गांवों समेत यह स्थान जो ऐसा उजाड़ है कि इस में न तो मनुष्य रह गया है और न पशु, इसी में भेड़-बकरियां बैठाने वाले चरवाहे फिर बसेंगे।
Jeremiah 33:10
यहोवा यों कहता है, यह स्थान जिसके विषय तुम लोग कहते हो कि यह तो उजाड़ हो गया है, इस में न तो मनुष्य रह गया है और न पशु, अर्थात यहूदा देश के नगर और यरूशलेम की सड़कें जो ऐसी सुनसान पड़ी हैं कि उन में न तो कोई मनुष्य रहता है और न कोई पशु,
1 Kings 17:10
सो वह वहां से चल दिया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास पहुंच कर उसने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उसने कहा, किसी पात्र में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।
Psalm 24:1
पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी।
Psalm 107:34
वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दुष्टता के कारण होता है।
Isaiah 6:11
तब मैं ने पूछा, हे प्रभु कब तक? उसने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन में कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए,
Jeremiah 4:27
क्योंकि यहोवा ने यह बताया कि सारा देश उजाड़ हो जाएगा; तौभी मैं उसका अन्त न कर डालूंगा।
Jeremiah 6:7
जैसा कूएं में से नित्य नया जल निकला करता है, वैसा ही इस नगर में से नित्य नई बुराई निकलती है; इस में उत्पात और उपद्रव का कोलाहल मचा रहता है; चोट और मारपीट मेरे देखने में निरन्तर आती है।
Jeremiah 9:10
मैं पहाड़ों के लिये रो उठूंगा और शोक का गीत गाऊंगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊंगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उन में से हो कर नहीं चलता, और उन में ढोर का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु-पक्षी सब भाग गए हैं।
Jeremiah 18:16
इस से उनका देश ऐसा उजाड़ हो गया है कि लोग उस पर सदा ताली बजाते रहेंगे; और जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा और सिर हिलाएगा।
Jeremiah 32:28
सो यहोवा यों कहता है, देख, मैं यह नगर कसदियों और बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के वश में कर देने पर हूँ, और वह इस को ले लेगा।
Genesis 6:11
उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी।