2 Thessalonians 2:13
पर हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ।
2 Thessalonians 2:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
But we are bound to give thanks alway to God for you, brethren beloved of the Lord, because God hath from the beginning chosen you to salvation through sanctification of the Spirit and belief of the truth:
American Standard Version (ASV)
But we are bound to give thanks to God always for you, brethren beloved of the Lord, for that God chose you from the beginning unto salvation in sanctification of the Spirit and belief of the truth:
Bible in Basic English (BBE)
But it is right for us to give praise to God at all times for you, brothers, loved by the Lord, because it was the purpose of God from the first that you might have salvation, being made holy by the Spirit and by faith in what is true:
Darby English Bible (DBY)
But we ought to give thanks to God always for you, brethren beloved of [the] Lord, that God has chosen you from [the] beginning to salvation in sanctification of [the] Spirit and belief of [the] truth:
World English Bible (WEB)
But we are bound to always give thanks to God for you, brothers loved by the Lord, because God chose you from the beginning for salvation through sanctification of the Spirit and belief in the truth;
Young's Literal Translation (YLT)
And we -- we ought to give thanks to God always for you, brethren, beloved by the Lord, that God did choose you from the beginning to salvation, in sanctification of the Spirit, and belief of the truth,
| But | Ἡμεῖς | hēmeis | ay-MEES |
| we | δὲ | de | thay |
| are bound | ὀφείλομεν | opheilomen | oh-FEE-loh-mane |
| to give thanks | εὐχαριστεῖν | eucharistein | afe-ha-ree-STEEN |
| alway | τῷ | tō | toh |
to | θεῷ | theō | thay-OH |
| God | πάντοτε | pantote | PAHN-toh-tay |
| for | περὶ | peri | pay-REE |
| you, | ὑμῶν | hymōn | yoo-MONE |
| brethren | ἀδελφοὶ | adelphoi | ah-thale-FOO |
| beloved | ἠγαπημένοι | ēgapēmenoi | ay-ga-pay-MAY-noo |
| of | ὑπὸ | hypo | yoo-POH |
| the Lord, | κυρίου | kyriou | kyoo-REE-oo |
| because | ὅτι | hoti | OH-tee |
| εἵλετο | heileto | EE-lay-toh | |
| God hath | ὑμᾶς | hymas | yoo-MAHS |
| from | ὁ | ho | oh |
| the beginning | θεὸς | theos | thay-OSE |
| chosen | ἀπ' | ap | ap |
| you | αρχῆς | archēs | ar-HASE |
| to | εἰς | eis | ees |
| salvation | σωτηρίαν | sōtērian | soh-tay-REE-an |
| through | ἐν | en | ane |
| sanctification | ἁγιασμῷ | hagiasmō | a-gee-ah-SMOH |
| of the Spirit | πνεύματος | pneumatos | PNAVE-ma-tose |
| and | καὶ | kai | kay |
| belief | πίστει | pistei | PEE-stee |
| of the truth: | ἀληθείας | alētheias | ah-lay-THEE-as |
Cross Reference
2 Timothy 1:9
जिस ने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है जो मसीह यीशु में सनातन से हम पर हुआ है।
1 Thessalonians 1:4
और हे भाइयो, परमेश्वर के प्रिय लोगों हम जानतें हैं, कि तुम चुने हुए हो।
2 Thessalonians 1:3
हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।
1 Thessalonians 5:9
क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें।
Acts 13:48
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे: और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया।
1 Peter 1:2
और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्त अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे॥
Ephesians 1:4
जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
Deuteronomy 33:12
फिर उसने बिन्यामीन के विषय में कहा, यहोवा का वह प्रिय जन, उसके पास निडर वास करेगा; और वह दिन भर उस पर छाया करेगा, और वह उसके कन्धों के बीच रहा करता है॥
Romans 9:11
और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा।
Galatians 3:1
हे निर्बुद्धि गलतियों, किस ने तुम्हें मोह लिया है? तुम्हारी तो मानों आंखों के साम्हने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
Ephesians 2:8
क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
2 Thessalonians 2:12
और जितने लोग सत्य की प्रतीति नहीं करते, वरन अधर्म से प्रसन्न होते हैं, सब दण्ड पाएं॥
1 John 4:19
हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उस ने हम से प्रेम किया।
1 John 4:10
प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उस ने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।
James 1:18
उस ने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया, ताकि हम उस की सृष्टि की हुई वस्तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों॥
Hebrews 1:10
और यह कि, हे प्रभु, आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।
2 Timothy 3:15
और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।
2 Timothy 2:15
अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।
2 Thessalonians 2:16
हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिस ने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है।
2 Thessalonians 2:10
और नाश होने वालों के लिये अधर्म के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिस से उन का उद्धार होता।
Proverbs 8:23
मैं सदा से वरन आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि के पहिले ही से ठहराई गई हूं।
Isaiah 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
Jeremiah 31:3
यहोवा ने मुझे दूर से दर्शन देकर कहा है। मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ; इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करुणा बनाए रखी है।
Ezekiel 16:8
मैं ने फिर तेरे पास से हो कर जाते हुए तुझे देखा, और अब तू पूरी स्त्री हो गई थी; सो मैं ने तुझे अपना वस्त्र ओढ़ाकर तेरा तन ढांप दिया; और सौगन्ध खाकर तुझ से वाचा बान्धी और तू मेरी हो गई, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
Daniel 9:23
जब तू गिड़गिड़ाकर बिनती करने लगा, तब ही इसकी आज्ञा निकली, इसलिये मैं तुझे बताने आया हूं, क्योंकि तू अति प्रिय ठहरा है; इसलिये उस विषय को समझ ले और दर्शन की बात का अर्थ बूझ ले॥
Daniel 10:11
तब उसने मुझ से कहा, हे दानिय्येल, हे अति प्रिय पुरूष, जो वचन मैं तुझ से कहता हूं उसे समझ ले, और सीधा खड़ा हो, क्योंकि मैं अभी तेरे पास भेजा गया हूं। जब उसने मुझ से यह वचन कहा, तब मैं खड़ा तो हो गया परन्तु थरथराता रहा।
Daniel 10:19
और उसने कहा, हे अति प्रिय पुरूष, मत डर, तुझे शान्ति मिले; तू दृढ़ हो और तेरा हियाव बन्धा रहे। जब उसने यह कहा, तब मैं ने हियाव बान्धकर कहा, हे मेरे प्रभु, अब कह, क्योंकि तू ने मेरा हियाव बन्धाया है।
Luke 1:75
उसके साम्हने पवित्रता और धामिर्कता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
John 1:1
आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
John 8:44
तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।
John 14:6
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
Acts 15:9
और विश्वास के द्वारा उन के मन शुद्ध कर के हम में और उन में कुछ भेद न रखा।
Romans 1:7
उन सब के नाम जो रोम में परमेश्वर के प्यारे हैं और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं॥ हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे॥
Romans 6:17
परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
Romans 8:33
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Colossians 1:5
उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो।
Colossians 3:12
इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।
2 Samuel 12:25
और उसने नातान भविष्यद्वक्ता के द्वारा सन्देश भेज दिया; और उसने यहोवा के कारण उसका नाम यदीद्याह रखा।