2 Peter 1:8
क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्फल न होने देंगी।
2 Peter 1:8 in Other Translations
King James Version (KJV)
For if these things be in you, and abound, they make you that ye shall neither be barren nor unfruitful in the knowledge of our Lord Jesus Christ.
American Standard Version (ASV)
For if these things are yours and abound, they make you to be not idle nor unfruitful unto the knowledge of our Lord Jesus Christ.
Bible in Basic English (BBE)
For if you have these things in good measure, they will make you fertile and full of fruit in the knowledge of our Lord Jesus Christ.
Darby English Bible (DBY)
for these things existing and abounding in you make [you] to be neither idle nor unfruitful as regards the knowledge of our Lord Jesus Christ;
World English Bible (WEB)
For if these things are yours and abound, they make you to be not idle nor unfruitful to the knowledge of our Lord Jesus Christ.
Young's Literal Translation (YLT)
for these things being to you and abounding, do make `you' neither inert nor unfruitful in regard to the acknowledging of our Lord Jesus Christ,
| For if | ταῦτα | tauta | TAF-ta |
| these things | γὰρ | gar | gahr |
| be | ὑμῖν | hymin | yoo-MEEN |
| you, in | ὑπάρχοντα | hyparchonta | yoo-PAHR-hone-ta |
| and | καὶ | kai | kay |
| abound, | πλεονάζοντα | pleonazonta | play-oh-NA-zone-ta |
| they make | οὐκ | ouk | ook |
| neither shall ye that you | ἀργοὺς | argous | ar-GOOS |
| be barren | οὐδὲ | oude | oo-THAY |
| nor | ἀκάρπους | akarpous | ah-KAHR-poos |
| unfruitful | καθίστησιν | kathistēsin | ka-THEE-stay-seen |
| in | εἰς | eis | ees |
| the | τὴν | tēn | tane |
| knowledge | τοῦ | tou | too |
| of | κυρίου | kyriou | kyoo-REE-oo |
| our | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
| Lord | Ἰησοῦ | iēsou | ee-ay-SOO |
| Jesus | Χριστοῦ | christou | hree-STOO |
| Christ. | ἐπίγνωσιν· | epignōsin | ay-PEE-gnoh-seen |
Cross Reference
Colossians 3:16
मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
John 15:2
जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
Titus 3:14
और हमारे लोग भी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अच्छे कामों में लगे रहना सीखें ताकि निष्फल न रहें॥
2 Peter 1:2
परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।
Hebrews 6:12
ताकि तुम आलसी न हो जाओ; वरन उन का अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।
Philippians 2:5
जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
Colossians 2:7
और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो॥
1 Thessalonians 3:12
और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए।
1 Thessalonians 4:1
निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
2 Thessalonians 1:3
हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।
1 Timothy 5:13
और इस के साथ ही साथ वे घर घर फिर कर आलसी होना सीखती है, और केवल आलसी नहीं, पर बकबक करती रहती और औरों के काम में हाथ भी डालती हैं और अनुचित बातें बोलती हैं।
Philemon 1:6
कि तेरा विश्वास में सहभागी होना तुम्हारी सारी भलाई की पहिचान में मसीह के लिये प्रभावशाली हो।
Philippians 1:9
और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
2 Corinthians 13:5
अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।
2 Corinthians 9:14
ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं; और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं।
Matthew 13:22
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।
Matthew 20:3
फिर पहर एक दिन चढ़े, निकल कर, और औरों को बाजार में बेकार खड़े देखकर,
Matthew 20:6
और एक घंटा दिन रहे फिर निकलकर औरों को खड़े पाया, और उन से कहा; तुम क्यों यहां दिन भर बेकार खड़े रहे? उन्हों ने उस से कहा, इसलिये, कि किसी ने हमें मजदूरी पर नहीं लगाया।
Matthew 25:26
उसके स्वामी ने उसे उत्तर दिया, कि हे दुष्ट और आलसी दास; जब यह तू जानता था, कि जहां मैं ने नहीं बोया वहां से काटता हूं; और जहां मैं ने नहीं छीटा वहां से बटोरता हूं।
John 5:42
परन्तु मैं तुम्हें जानता हूं, कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं।
John 15:6
यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
Romans 12:11
प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।
1 Corinthians 15:58
सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है॥
2 Corinthians 5:13
यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं।
2 Corinthians 8:2
कि क्लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई।
2 Corinthians 8:7
सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ।
Proverbs 19:15
आलस से भारी नींद आ जाती है, और जो प्राणी ढिलाई से काम करता, वह भूखा ही रहता है।